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लाल कमीज़
पन्द्रहवें आसियान शिखर सम्मलेन पर लाल कमीज़ का गहरा साया है. थाईलैंड के युनाइटेड फ्रंट फॉर डेमोक्रेसी अगेंस्ट डिक्टेटरशिप को अनाधिकारिक तौर पर रेड शर्ट कहते हैं क्योंकि अपने उग्र प्रदर्शनों के दौरान इसके सदस्य लाल कमीज़ पहनते हैं. ये दल पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन सिनावातरा के बाइज्ज़त थाईलैंड लौटने देने के लिए आन्दोलन कर रहा है. सितम्बर २००६ में सेना ने तख्तापलट कर थाकसिन की सरकार को हटा दिया था और उनपर भ्रष्टाचार के मुक़दमे चलाये गए. थाकसिन को दो साल की कैद की सज़ा सुनाई गई है पर वह देश से बाहर हैं. थाईलैंड के ग्रामीण और पिछडे इलाकों में थाकसिन बहुत लोकप्रिय हैं. उनके समर्थक पार्टियों ने २००७ की आम सभा में बहुमत प्राप्त कर लिया था पर उनमें से मुख्य पार्टी पीपुल्स पॉवर पार्टी को एक संवैधानिक कानून ला कर अवैध घोषित कर दिया गया. तब से उन के समर्थक लाल कमीज़ दाल अक्सर थाईलैंड के शहरों में प्रदर्शन करते हैं.
इस के पहले ये सम्मलेन थाईलैंड के पट्ट्या में होने वाला था पर लाल कमीज़ के धमकियों से उसे निरस्त करना पडा था. अब जब यह हुआ हिन् में हो रहा है, तो इस में लाल कमीज़ वालों ने वादा किया है कि वे सम्मेलन को शांतिपूर्वक चलने देंगे बशर्ते उन्हें अपनी मांगें शीर्ष नेताओं के सामने रखने दिया जाए. थाईलैंड की सेना ने उनकी बात मान ली क्योंकि हुआ हिन् में हंगामे का मतलब होता सम्मेलन का पुनः निरस्त होना.
फिर भी हुआ हिन की सुरक्षा व्यवस्था पुलिस के हाथों में नहीं. बैंकॉक के २०० किमी दक्षिण में स्थित चा आम और हुआ हिन बैंकॉक या पट्टाया की तरह पर्यटन स्थल तो हैं पर तुलनात्मक रूप में उनसे काफी शांत और स्वच्छ. पर आसियान बैठक को देखते हुए सेना ने सुरक्षा व्यवस्था अपने हाथों में ले ली है. आम दिनों की तरह पर्यटकों की चहल पहल कम है. १८,००० सैनिक और नौसेना के कई युद्धपोत चा आम और हुआ हिन में हर आने जाने वालों पर नज़र रख रही है.
भारत चाहता है कि वह दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के इस संगठन के साथ बेहतर तालमेल कर इस क्षेत्र में चीन का प्रभाव कम कर सकता है पर इसे लगता है सिर्फ भारत और चीन ही इतनी गंभीरता से लेते हैं. सदस्य देशों में कई के शीर्ष नेता सम्मेलन के उदघाटन समारोह से नदारद रहे. इंडोनेशिया, फिलिपिन्स और मलयेशिया के प्रमुखों में किसी ने ख़राब मौसम का हवाला दिया तो किसी ने घरेलू ज़रूरतों का बहाना बनाया. जो आये उनमें दुराव कम होता नहीं दिखता. थाईलैंड और फिलीपींस में चावल के दामों के ऊपर का विवाद नहीं थमा है और दूसरे पडोसी कम्बोडिया से सीमा विवाद जस का तस है. थाईलैंड के प्रधानमंत्री अभिसित विज्जजिवा को चिढाने के लिए कम्बोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन ने कहा कि पूर्व थाई प्रधानमंत्री थाकसिन सिनावातरा उनके निकट मित्र हैं और वह जब चाहें कम्बोडिया में उनके घर रह सकते हैं. इस पर थी प्रधानमंत्री अभिसित ने कहा कि उन्हें दूसरे दिन ही अपने मित्र को थाईलैंड के कानून के हवाले करना पड़ेगा क्योंकि कम्बोडिया और थाईलैंड के बीच संधि है कि वे एक दूसरे देश के अपराधियों को शरण नहीं देंगे. खैर इस चीख चीख में लाल कमीज़ वालों के बीच हुन सेन हीरो हो गए हैं.
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