Friday, July 03, 2009

जल बिन मछली, रेल बिन लालू

लालू की ग़ज़ल

तू किसी रेल सी गुज़रती है,
मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ
--- दुष्यंत कुमार

Complete Ghazal

खबर आई है लालू ने मछली खाना फिर से शुरू कर दिया है. एक नजूमी ने उनसे कहा था कि मांस-मछली त्याग दें तो चारा घोटाले की काली घटायें छंट जायेंगीं. चारा का बेचारा देखता रह गया और रेल भी छूट गई. मछली की प्रेमी ममता जब रेल ले भागी तो लालू ने मछली को फिर से चारा डालना शुरू कर दिया है.

रेल अधिकारियों ने अपने औफिशिअल वेबसाइट पर ममता का जो भाषण लगाया है उसमें तुरंतो को दुरंतो लिखा गया है. तुरंतो तो तुंरत का बंगाली उच्चारण है पर दुरंतो एक दुर्लभ शब्द है बांगला में. इसका मतलब होता है बेलगाम. लालू जी हामी भरेंगे.

1 comment:

जगदीश त्रिपाठी said...

ममता बाजी ने किए,बंधु कई एलान
सीएम बनने के लिए,जुटा रहीं सामान
जुटा रहीं सामान,दौड़ती उनकी गाड़ी
झोला लेकर चलीं,पहनकर सूती साड़ी