Friday, July 03, 2009

परे हो जा लालू रे, साड्डी रेल गड्डी आई

लालू के लोक लुभावन रेल के खेल में ममता ने उन्हें मात दे दी है. रेलवे में प्रशासनिक सुधार, आधारभूत ढाँचे में सुधार और ये वादे और इरादे ज़मीन पर ज़रूर उतरें, इस के बारे में बिना कुछ बोले नए रेल मंत्री ने अपनी रेल दौड़ा दी. इस दर्जा सादगी से उन्होंने सूटकेस त्याग कर झोला लेकर संसद पहुँची, कि लालू भी शर्मा गए होंगे. फिर उन्होंने लालू की दुखती रगों को छेड़ा. वह भी इज्ज़त के साथ. गरीब रथ के जवाब में इज्ज़त योजना जिसमें २५ रुपये में १०० किमी तक की दूरी तय कर सकेंगे गरीब लोग. इस के साथ ही घोषणाओं की झड़ी सी लग गई, वादों की बरसात में कई राज्य भींगे और कई सूखे के सूखे रह गए. पुराने, जर्जर पटरियों पर नए मंत्रियों की नयी गाडियां पुरानी बात है, ममता के ट्रेन की दिशा पर दस नज़र.

१. लालू, नीतिश, पासवान जैसे कई मंत्रियों ने कई सालों तक रेल मंत्रालय को पटना की दिशा में दौड़ाया था. अब ममता ने रेल मुख्यालय कोलकाता शिफ्ट कर दिया है.
२. इस बार मालपुआ बंगाल और महाराष्ट्र को मिला जहाँ जल्द ही विधान सभा चुनाव आने वाले हैं. ५७ नई गाड़ियों में १४ अकेले बंगाल को गई.
३. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का प्रभुत्व वापस लाने में भिडे राहुल गाँधी को ममता की तरफ से कुछ बल मिला है. कई वर्षों बाद यूपी को न सिर्फ नई गाडियां मिली हैं बल्कि कई प्रोजेक्ट्स भी मिलेंगे.
४. सुपर-फास्ट गाड़ियों को नया नाम मिला है, तुरंतो. ममता के उच्चारण को कई लोगों ने दुरोंतो सुना. तुरोंतो असल में तुंरत है. ये गाडियां राजधानी से ज्यादा तेज़ होंगी, पर यह दावे हैं, दावों का क्या.
५. एक दर्ज़न नॉन-स्टाप लम्बी दूरी की ट्रेनों की घोषणा भी हो गई है. घबराएं नहीं, ये ट्रेनें रास्ते में कुछ स्टेशनों पर रुकेंगी पर सवारी नहीं उठाएंगी. इन में से चार बंगाल को मिले हैं.
६. ममता बनर्जी ने लालू के समय घोषित योजनाओं पर श्वेत पत्र जारी करने की बात कर लालू को छेड़ दिया. श्वेत पत्र में किसी काले कारनामे की चर्चा नहीं होगी, बस कागज़ काले किये जायेंगे.
७. लम्बी दूरी की गाड़ियों में डॉक्टर होंगे. गंदे बेड रोल और कोकरोच-युक्त खाने से ट्रेन में बीमार हुए लोगों का ट्रेन में ही इलाज हो तो अच्छा है.
८. महानगरों में महिलाओं के लिए स्पेशल ट्रेन की घोषणा हुई है. पर वहाँ भी अगर लफंगे उन्हें परेशां करें तो महिला कमांडो की व्यवस्था है. युवाओं के लिए स्पेशल ट्रेन भी चलेगी, इसमें किराया कम होगा. सिर्फ बैठने को जगह मिलेगी.
९. कई बड़े स्टेशनों पर ऑटोमेटिक टिकेट-वेंडिंग मशीन लगेंगे. लोग मुक्के मार मार इसे खराब ना करें.
१०.लालू जी के भाषणों में शीरीं जबान के कई लफ्ज़ दुर्घटना के शिकार हो जाया करते थे. इस बार भी एक गंभीर दुर्घटना घटी. एक लंगडा मगर चालू शेर का ममता बनर्जी से सीधा भिडंत हुआ. वैसे ही फटेहाल उस शेर का क्या हुआ, मुलाहिजा फरमाइए:
रोशनी चाँद से होता है, सितारों से नहीं;
मुहब्बत कामयाबी से होता है, जूनून से नहीं.

2 comments:

जगदीश त्रिपाठी said...

ममता जी रॉयल बेंगाल टाइग्रेस हैं,तो जाहिर है कि शेर को चीर-फाड़ कर रख ही देंगी।

Rakesh Singh - राकेश सिंह said...

ममता दीदी का बस चले तो बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, उड़ीसा, और थोड़े से मध्य प्रदेश के सरे रेल मंडलों को कोलकत्ता ले आयें | इस रेल बजट मैं सिर्फ और सिर्फ बंगाल ही दीखता है, फिर भी अपनी मीडिया इसका जम कर गुणगान करेगी; कांग्रेस प्रेम है तो इतना तो मीडिया को करना हे चाहिए|